हमारे ऋषि-मुनियों ने अनेक ऎसे वृक्षों को घर में लगाने की सलाह दी है, जिनसे वास्तुदोष का निवारण हो सकता है। साथ ही पेड़-पौधे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी मददगार हैं। वास्तुशास्त्र के ग्रंथों में अनेक ऎसे वृक्षों का उल्लेख किया गया है, जो धार्मिक दृष्टि से महžवपूर्ण होने के साथ-साथ दोष निवारण में भी सहायक हैं, इनमें से कुछ हैं-
अशोक : अशोक के वृक्ष को हिन्दू धर्मावलंबी शुभ वृक्ष मानते हैं। इसे घर में लगाने से अशुभ दोष समाप्त हो जाते हैं।
केला: घर की चारदीवारी में केले का वृक्ष लगाना शुभ है। इसे ईशान कोण में लगाना शुभ है। क्योंकि यह बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधि वृक्ष है। केले के समीप यदि तुलसी का पेड़ भी लगा लें, तो शुभकारी रहेगा।
अश्वगंधा : यह पेड़ स्वत: ही उगता है। यह वृक्ष वास्तु दोष समाप्त करने की क्षमता रखता है।
नारियल: नारियल का वृक्ष घर में लगाना फलदायी है। जिस घर में नारियल का वृक्ष होता है, वहां रहने वाले के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
तुलसी : यह जीवनदायिनी और लक्ष्मी स्वरू पा है। इसे प्रत्येक हिन्दू घर में लगाते हैं। लोग इसकी श्रद्धापूर्वक पूजा भी करते हैं। इसे घर के भीतर रखने से अशुभ ऊर्जा नष्ट होती है। घर का वातावरण भी पवित्र व शुद्ध बनता है।
अनार: यह पौधा भी शुभ है, परंतु इसे आग्नेय या नैऋत्य कोण में नहीं लगाएं।
बरगद: यह वृक्ष पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना गया है। वास्तु की दृष्टि से भी यह महžवपूर्ण वृक्ष है। इसे पश्चिम दिशा में नहीं लगाएं।
आंवला: आंवले का वृक्ष घर में लगाना शुभ माना गया है। इसे पूर्व व उत्तर में लगाएं। इसकी नित्य पूजा करना भी फलदायी है।
नीम: घर के वायव्य कोण में नीम का वृक्ष होना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इसका रोपण करना कल्याणकारी तथा मोक्षदायक माना जाता है।
बिल्व: भगवान शिव को बिल्व का वृक्ष अत्यंत प्रिय है। इसको लगाने से धन संपदा की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इसकी पूजा करें व इसके पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाएं।
शतावर: वास्तुनुसार यह एक बेल है। इसे घर में इस तरह लगाएं कि यह ऊपर की ओर चढ़े।